बि एस ऐन ऐल … उदयपुर

बि एस ऐन ऐल … उदयपुर …. एक अनुभव ….
मेरे बेटे उदयके टेलीफोन बीलका भुगतान करने के लिए मै बि एस ऐन ऐल दफ्तर पंहुचा ..
चार खिड़कियों पर भुगतान स्वीकार किये जा रहे थे …
मै सबसे छोटी कतारमे खड़ा रहा …
जब तक मेरा नम्बर आये मै कतारमे खड़े गुसरे लोगोको देखता रहा …

हर एक व्यक्ति अपना नम्बर आनेकी प्रतीक्षा कर रहा था …
चारों केशियर अपना कार्य त्वरित गतिसे कर रहे थे …
जिसके कारण प्रत्येक कतार जल्दी जल्दी आगे बढ़ रही थी …

मेरे साथ जिनकी आँखे मिल रही थी उनका मै स्मित देकर अभिवादन करता था …
बदलेमे मुजेभी ‘मेवाडी’ नमस्कार मिल रहे थे …

मेरा नंबर आ गया … बीलका भुगतान कर दिया …

उदयके टेलीफोन इंस्ट्रूमेंट में तकनीकी खराबी को दूर कराने का काम भी अब करना था …

पूछताछ कर्मीं ने कहा …. कमरे नंबर १० में जाने के लिए …
कमरे नंबर १० पर ताला लगा हुआ था…
वहा खड़े हुए बि एस ऐन ऐल कर्मचारिने मुज़से पूछा … क्या काम है ?
मैंने उत्तर दिया … इंस्ट्रूमेंट चेक करवाना है …
उन्होंने मुजे कमरे नंबर ११ में जाने के लिए कहा …
कमरे नंबर ११ में कोई नही था …
वहासे गुजर रहे बि एस ऐन ऐल अधिकारिसे पूछा … अब क्या किया जाय ?

उन्होंने कह मेरे साथ आइए …
वे मुजे अपनी केबिनमें ले गए …
मैंने इंस्ट्रूमेंट उनकी मेज़ पर रखा …
और मैंने कहा ..
इसकी घंटी की आवाज़ दूसरे कमरेमे सुनाइ नही देती ..

उन्होंने अपने टेलीफोनकी वायर खामियुक्त टेलीफोन में लगाई …
अपने मोबाइल फोनसे नम्बर मिलाया …
घंटी की आवाज़ सुनते ही हंस पड़े ….

मुजसे कहा … आप मेरा टेलीफोन इंस्ट्रूमेंट ले जाइए …
.. सुन लीजिए इसकी घंटी तो ठीक तरह से बज रही है न !!!

मुजे उन्होंने अपने टेलीफोन इंस्ट्रूमेंट की घंटी की आवाज़ सुनाइ …
मेरे चेहरे पर स्मित आया …
उनके चेहरे पर भी स्मित आया …

उन्होंने कहा … हम यहा आपकी सेवाके लिए काम करते है …

मैंने धन्यवाद कहते हुए हस्तधुनन के लिए हाथ बढ़ाया …
उन्होंने दोनों हाथ जोड़ते हुए ‘मेवाडी’ नमस्कार किया …

मै हंस पड़ा …
मैंने भी उन्हें गुजराती नमस्कार किया !!!

उन्होंने खड़े होकर हस्तधुनन कर ही लिया !!!

About અખિલ સુતરીઆ

મારા વિશે મારે કંઇક કહેવાનું હોય તો, .... થોડુ વિચારવું પડે. મને મારી ઓળખ કરાવે .... એવા એક જ્ણની તલાશમાં છું.
This entry was posted in રોજનીશી ૨૦૦૯. Bookmark the permalink.