आनंद
आनंद से … जागो अरे , दोस्तो …. मैं कोई कथा करके आपको व्यथा पहुंचाना नहि चाहता । टीवी पर मेरी मां (83) कई कथाकारो की कथा सुन कर अपना समय व्यतित करती है। उस समय मेरे कानो पर आते हुए एसे विधान मेरे मन मे सवाल पैदा करते है …… यह आनंद होता क्या है ? मौज से जीओ और आनंद करो । मुझे लगाता है … शरीर एवं ईन्द्रियांकी खुशी “मौज” है इसीलिये कहा जाता है .. मन लगा कर तन कोई भी काम करे तो मिलने वाले परिणाममे आनंद जरूर होता है । क्या सोच है आपकी ? आपका अपना अखिल |
આનંદ
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