आज …

आज कुछ कहने को जुबां साथ नहि …
आज कुछ करने को हाथ साथ नहि …
आज कही चलने को पैर साथ नहि …
आज कुछ देखने को आंखे साथ नहि …
आज कुछ सुनने को कान साथ नहि …
आज कुछ लिखने को कलम साथ नहि …
आज कुछ सोचने को दिमाग साथ नहि …

बस … बेचैनीसे बेकाबु बना …
मेरा दिल मेरे साथ है ।

About અખિલ સુતરીઆ

મારા વિશે મારે કંઇક કહેવાનું હોય તો, .... થોડુ વિચારવું પડે. મને મારી ઓળખ કરાવે .... એવા એક જ્ણની તલાશમાં છું.
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