जीन्दगी

लोग कहते है कठीन है जीन्दगी..
मुझे लगता है सरल है जीन्दगी ..

क्योंकी ..

लोग कहते है जीवनकी परिस्थिति को बदलो …
मैने देखा है अक्सर परिस्थिती लोगो को
बदल देती है …

लोग वही कहते है जो उनके सपनोमे (कल्पनामे) होता है …
मुझे लगता है इन्सान सपनोको साकार करनेके चक्करमे परिस्थितिको बदलनेमे उलझ जाता है …

परिस्थिति के साथ होने के बदले परिस्थिति के सामने हो जाता है …

मानवी से फीर वह मशीन सा बन जाता है …
जल .. धरती .. आकाश .. में भी अन्य जीव है ..
इन्सान कुछ ज्यादा ही येडा है ..
प्राकृतिक जीवसृष्टि मे भी अपनी टांग अडाता है ..

अप्राकृतिक आवरणो मे अपने आपको बांधके लोग कहते है कठीन है जीन्दगी..

मुझे लगता है सरल है जीन्दगी ..
क्योंकी ..
एक बार तो लेके देखो
जीवनकी खुश्बू भरी सांस ..

वादा करता हुं
मशीन से मानवी बनने का
शायद यही एक मार्ग बचा है…

लोग कहते है कठीन है जीन्दगी..
मुझे लगता है सरल है जीन्दगी ..

About અખિલ સુતરીઆ

મારા વિશે મારે કંઇક કહેવાનું હોય તો, .... થોડુ વિચારવું પડે. મને મારી ઓળખ કરાવે .... એવા એક જ્ણની તલાશમાં છું.
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