मोरनींग वोक लेते हए
अपरिचित चहेरे अब मुस्कान की लेन देन हर एक श्वास मनमें हर एक उच्छश्वास प्राकृतिक करुणा और प्रेम मेरे चहेरे को छू कर कोई जो है मुझसे न जाने क्या क्या करने वाला अपरिचित चहेरे अब |
अपरिचित
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